हजारीबाग से ग्राउंड रिपोर्ट / भाजपा के पुराने प्लेयर के सामने कांग्रेस का ओपनर, सीधी टक्कर के आसार

हजारीबाग (उमेश राणा). हजारीबाग सदर विधानसभा सीट की तस्वीर साफ हो गई है। इस सीट पर भाजपा-यूपीए में सीधी टक्कर के आसार हैं। भाजपा के पुराने खिलाड़ी मनीष जायसवाल मैदान में हैं तो उनसे भिड़ने के लिए कांग्रेस ने हजारीबाग की राजनीति का बिल्कुल नया चेहरा डॉ आरसी प्रसाद मेहता को उम्मीदवार बनाया है।


मेहता यूपीए के संयुक्त प्रत्याशी हैं। हालांकि, मेहता को प्रत्याशी बनाए जाने से कांग्रेस के पुराने नेता-कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार मनीष जायसवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय उम्मीदवार प्रदीप प्रसाद को हराया था। फिर प्रदीप ने आजसू ज्वाइन कर ली थी। लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रदीप कांग्रेस में आ गए। पार्टी में तवज्जो नहीं मिलने पर वे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए और भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल के लिए काम कर रहे हैं।


गुटबाजी से नुकसान की आशंका


राजनीतिक जानकारों के अनुसार, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष देवराज कुशवाहा की दावेदारी धरी रह गई और कांग्रेस ने एक बार फिर लोकसभा के पैटर्न पर टिकट बांटा। इस बंटवारे से कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता बगावत के मूड में आ गए हैं। यूपीए के अन्य घटक भी यहां साथ नहीं दिख रहे। इस गुटबाजी से नुकसान हो सकता है।


क्षेत्र के चारों प्रखंड में पेयजल बड़ा मुद्दा



  • हजारीबाग सदर: छड़वा डैम जब जवाब दे देता है तो अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का दम फूलने लगता है। छड़वा डैम की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई है।

  • कटकमदाग: जमीन सिंचित करने के लिए गोंदा डैम के पानी की जरूरत है। पर हर बार उद्वह सिंचाई योजना राजनीति की भेंट चढ़ती रही है।

  • कटकमसांडी: प्रखंड में जलस्रोतों की भरमार है, पर यहां भी सिंचाई के साधन नहीं हैं। इससे किसानों को परेशानी होती है। मांगों के गुजरे कई साल बीत गए हैं।

  • दारू: खेतों को सिंचित करने के लिए सेवाने और कोनार नदी के पानी की जरूरत है। यहां भी सिंचाई की मांग पूरी नहीं हो पाई। किसानों को कोई नहीं पूछता। 


3 चुनावों का सक्सेस रेट



  • 2014: मनीष जायसवाल, भाजपा 89675 वोट, प्रदीप प्रसाद, निर्दलीय 62546 वोट

  • 2009: सौरभ नारायण,कांग्रेस 66514, देवदयाल कुशवाहा, भाजपा 57227 वोट

  • 2005: सौरभ नारायण, कांग्रेस-39431, ब्रजकिशोर जायसवाल, निर्दलीय 36366


वोटर्स बोले- कब तक काम के लिए बाहर जाएंगे



  • पढ़े-लिखे युवकों को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है। पानी-बिजली में भी सुधार करने की जरूरत है। -रंजन विश्वकर्मा 

  • पानी-बिजली नियमित मिले, बस यही चाहते हैं। शहर की सड़कें भी अच्छी नहीं हैं। इन्हें दुरुस्त करने की जरूरत है। -एसएम शहबाज